HNN/ शिमला
अधिसूचना के दो मास बीत जाने के बावजूद भी सेवानिवृत कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल पाया है जिससे पेंशनर्स में सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है। जुन्गा में आयोजित तहसील स्तरीय पेंशनर्स संघ की बैठक करते हुए प्रधान अमीं चंद राही, महासचिव प्रेम कुमार शर्मा, डाॅ. कुलदीप तंवर ने संयुक्त बयान में कहा कि छठे वेतन आयोग को लागू करने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को उलझाया जा रहा है जोकि प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है।
पेंशनर्स की फिक्सेशन को लेकर दो महीने से कार्यालयों में फाइलें भी नहीं खुल पाई है। जो कर्मचारी वर्ष 2016 के उपरांत रिटायर हुए है उनकी किसी भी विभाग में अभी तक फिक्शेसन नहीं हुई है। उसके बाद पेंशन के पुननिर्धारण के लिए इन पेंशनरों का मामला महालेखाकार कार्यालय जाएगा। ऐसा प्रतीत होता है कि पेंशनरों को संशोधित पेंशन पाने के लिए करीब छः महीने इंतजार करना पड़ सकता है जिसका असर आने वाले विधान सभा चुनाव पर पड़ सकता है।
इसके अतिरिक्त पेंशनर्स ने सरकार से मांग की है कि 65, 70 और 75 वर्ष की आयु पूरी होने पर पेंशन पर मिलने वाले पांच प्रतिशत भत्ते को बेसिक पेंशन में जोड़ा जाए ताकि इसका लाभ पेंशनर्स को मिल सके। उन्होने सरकार से पेंशनर्स की मांगों को समयबद्ध निपटाने का आग्रह किया है।