चितकारा यूनिवर्सिटी द्वारा दुनिया की पहली एआई-प्रौद्योगिकी आधारित हैकडे 2021 का आयोजन…

BySAPNA THAKUR

Dec 15, 2021

HNN/ बद्दी

बद्दी के तहत अटल शिक्षा कुंज कालूझिंडा स्थित टैक्नॉलिजिकल इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए चितकारा यूनिवर्सिटी ने अपने उद्यमिता सेल (ई-सेल) जज्बा के तहत हैकडे 2021 का आयोजन किया। इस सेल की स्थापना चितकारा यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एजुकेशन एंड डेवलपमेंट (सीईईडी) के तत्वावधान में की गई है। इस आयोजन ने छात्रों को अपनी क्षमता का पता लगाने के लिए एक मंच प्रदान किया।

दुनिया के पहले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) आधारित हैकथान में सीएसई प्रथम वर्ष की संभावित स्टार्टअप की 17 टीमों ने हिस्सा लिया। जूरी के पैनल में प्रमुख डॉ. कुलदीप शर्मा,  सीएसई डीन डा. नितिन वर्मा, फार्मेसी डा. अदिति चंदेल, सहायक निदेशक, अंतराष्ट्रीय संचालन अखिलेश जैन, उद्यमी और डेविड मैकडरमॉट, डायरेक्टर ऑफ ऑपरेशन्स प्रिंसटन हाइव, यूएसए शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत अदित गोस्वामी द्वारा उद्यमिता पर एक सूचनात्मक सत्र से हुई जिसमें उन्होंने छात्रों को उद्यमशीलता की मानसिकता के बारे में बताया।

इसके बाद डेविड मैकडरमोट और एवरी मौने ने एक सत्र का आयोजन किया, जिसमें ब्लॉकचेन की भ्रांतियों और पारिस्थितिकी में आर्टिफिशिलय इंटेलीजेंस के उपयोग पर चर्चा की गई। एवरी मौने ने कहा काश हम इकोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग कर पाते क्योंकि विश्लेषण में मानवीय त्रुटि की एक बड़ी गुंजाइश है। पशुओं के लक्षण मानव व्यवहार के बारे में भी बहुत कुछ बताते हैं। हैकडे का पहला पुरस्कार हर्ष श्रीवास्तव द्वारा स्थापित टीम पाइरेट्स ऑफ फायर ने प्राप्त किया।  

टीम के साथियों में आयुषी पाठक, ईशान चौधरी, कुन्यालिक कंवर और अंकिता ठाकुर शामिल थे। टीम का आइडिया एआई-आधारित अग्निशमक रोबोट  का था जो आग लगने की घटना का पता लगाएगा और ध्वनि से इसे बुझाने में सक्षम होगा। जूरी व निवेशक अखिलेश जैन ने 1 करोड़ रुपये की इस टीम के साथ साफ्ट कमिटमेंट की और प्रोटोटाइप विकास के लिए 1 लाख रुपये का कमिटमेंट किया। दूसरा पुरस्कार आदित्य शर्मा द्वारा स्थापित टीम गोल डिगर्स ने जीता। टीम के सदस्य सूर्यम भुकानिया और सौरभ शुक्ला थे।  

इस टीम ने एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम किया जो अल्जाइमर रोग से पीडि़त लोगों की मदद करेगा और डिप्रेशन को ठीक करने में भी मदद करेगा। अभिनव सहगल द्वारा स्थापित टीम दि वेपनरीयर्ज ने तीसरा पुरस्कार जीता। टीम के साथियों में अंजोरी, अक्षिता, अक्षत और अनमोल शामिल थे। उनका विचार भविष्य के युद्ध की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सनिकों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बेस्ड होलोग्राफिक प्रोजेक्शन पर आधारित एक नए उत्पाद हारा का निर्माण करने के लिए था।

अगला पुरस्कार देवेन शर्मा द्वारा स्थापित टीम डोर 1 द्वारा जीता गया। इसका विचार ऐसी सस्टेनेबल एनर्जी प्रोडक्शन डिवाइज को बनाना है जो कि कंबाइंड सोलर, थर्मल और पवन ऊर्जा के आधार पर काम करेगा और हायर एनर्जी कनवर्जन को प्रदान करेगा। टीम को तीन प्रमुख निवेशकों डॉ कुलदीप शर्मा (मुख्य सीएसई, सीयूएचपी), अखिलेश जैन और सुमीर वालिया, निदेशक सीईईडी, सीयूएचपी की तरफ से 1 लाख रुपये नान इक्विटी इनवेस्टमेंट मिला।  

अंतिम पुरस्कार आदित्य हाडा और टीम के सदस्यों रितेश, अंकित राणा, अंश वर्मा और अतुल कपूर द्वारा स्थापित टीम हैक-ओ-होलिक्स द्वारा जीता गया। उनका विचार एआई तकनीक का उपयोग करके प्लास्टिक की समस्या और प्लास्टिक प्रदूषण पर काम करना था। चितकारा यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश के प्रो. वाइस चांसलर डा. मनोज मनुजा द्वारा पुरस्कारों का वितरण किया गया। 


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