हिमाचल का हरित और आत्मनिर्भर भविष्य: 2032 तक सबसे समृद्ध राज्य बनने की दिशा में प्रयास
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को 2027 तक आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्धशाली राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। उन्होंने यह बात “ग्रीन हिमाचल, समृद्ध हिमाचल” विषय पर आयोजित एक प्रस्तुति के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को हरित राज्य के रूप में विकसित करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों के उचित प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और लघु एवं सूक्ष्म उद्योग स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में ड्रोन तकनीक आधारित सेवाओं के माध्यम से लगभग 15 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अत्याधुनिक पाठ्यक्रम, जिसमें कृत्रिम मेधा (AI) जैसे विषय शामिल हैं, आरंभ किए गए हैं। इसके अलावा, सोलर एनर्जी के माध्यम से तीन हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
पर्यटन क्षेत्र में भी रोजगार की संभावनाओं का विस्तार हो रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2023 में प्रदेश में 1.6 करोड़ पर्यटक आए, जिससे लगभग तीन लाख लोगों को रोजगार मिला। ई-व्हीकल्स और सोलर पैनल परियोजनाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना शुरू की गई है। इसके तहत ई-टैक्सी खरीदने और सोलर पैनल लगाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है। साथ ही, एचपी शिवा परियोजना के अंतर्गत एवोकेडो और ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए संभावनाएं तलाशने का कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि और बागवानी क्षेत्र में स्वरोजगार के कई अवसर सृजित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं कृषि पारिस्थितिकी संस्था के निदेशक राजीव अहल ने विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में कृषि मंत्री चंद्र कुमार, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।