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Exclusive Report By: Shailesh Saini

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गले में बादाम फंसने से ढाई साल के मासूम मानविक की मौत, समय पर इलाज न मिलने से टूटा परिवार

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नगरोटा सूरियां

ईएनटी डॉक्टर की अनुपस्थिति और देरी से मिली एंबुलेंस बनी मौत की वजह, 46 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मिली मृत देह

खेलते-खेलते उठाया बादाम, और हो गया हादसा
गुरुवार सुबह सुगनाड़ा पंचायत में एक दर्दनाक हादसा हो गया जब ढाई साल के मासूम मानविक की गले में बादाम फंसने से मौत हो गई। हादसे के वक्त मानविक अकेले खेलते हुए रसोईघर में पहुंचा, जहां भिगोए हुए बादाम एक कटोरी में रखे थे। उसने बादाम उठाकर निगल लिया, जो गले में फंस गया और वह तुरंत बेहोश हो गया।

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मां की चीख-पुकार के बीच अस्पताल तक दौड़
जब मां नेहा की नजर मानविक पर पड़ी तो वह बेसुध पड़ा था। चीख-पुकार सुनकर दादा संतोख सिंह और पिता मनदीप सिंह उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगरोटा सूरियां ले गए, लेकिन वहां कोई ईएनटी विशेषज्ञ मौजूद नहीं था। इससे बहुमूल्य समय गंवा और उसे टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।

देरी से मिली एंबुलेंस, मौत से हार गई उम्मीद
मानविक के दादा ने बताया कि एंबुलेंस एक घंटे बाद मिली और टांडा पहुंचने में सवा घंटा लग गया। टांडा मेडिकल कॉलेज पहुंचते-पहुंचते बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि यदि सीएचसी में ईएनटी डॉक्टर होता या समय पर एंबुलेंस मिल जाती, तो मानविक की जान बच सकती थी।

सीएमओ बोले- जानकारी नहीं, कराएंगे जांच
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच जरूर कराई जाएगी। इस हृदयविदारक हादसे से इलाके में शोक की लहर है। मानविक अपने माता-पिता की इकलौती संतान था।

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