मेडिकल कॉलेज कर रहा है उपचार, मगर पुलिस की ओर से अभी नहीं मिली मदद
HNN / नाहन
डॉ यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन के आपातकालीन वार्ड में अनजान व्यक्ति जिंदगी और मौत की जंग से जूझ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यक्ति की उम्र करीब 55 वर्ष के आसपास बताई जा रही है। बुरी तरह से घायल व्यक्ति नाहन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में बेसुध अवस्था में दाखिल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार घायल व्यक्ति को करीब 3 दिन पहले पांवटा पुलिस नाहन छोड़ कर गई थी।
अब बेसुध गंभीर रूप से घायल व्यक्ति का इलाज मेडिकल कॉलेज तो कर रहा है मगर वहां से बतौर अटेंडेंट पुलिस तो गायब हो चुकी है और घायल अकेला अस्पताल में लेटा हुआ है। मेडिकल कॉलेज के एमएस का कहना है कि घायल व्यक्ति का कोई अटेंडेंट नहीं है। उन्होंने बताया कि घायल अधेड़ व्यक्ति के संभवत हेड इंजरी हुई है। जिसका इलाज मेडिकल कॉलेज के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि घायल व्यक्ति के कान में से भी ब्लडिंग हो रही है।
घायल व्यक्ति का एमआरआई हो चुका है, लिहाजा सर्जन की ओपिनियन के लिए मरीज को रखा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि घायल व्यक्ति को उसकी हालत के अनुसार पीजीआई भी रेफर किया जा सकता है, ऐसे में उसके साथ अटेंडेंट का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि हमने पुलिस को इंफॉर्मेशन भी दी है।, मगर पुलिस का कोई भी व्यक्ति यहां मौजूद नहीं है।
बरहाल बड़ा सवाल यह उठता है कि हमारे देश में मरे हुए व्यक्ति से सब सहानुभूति रखते हैं, मगर जो जिंदगी और मौत की जंग एक लावारिस व्यक्ति की तरह लड़ रहा हो उसके लिए कोई मददगार आगे नहीं आता है। सवाल तो यह भी उठ रहा है कि जब मेडिकल कॉलेज इलाज कर रहा है तो ऐसे में पुलिस की ओर से दो अटेंडेंट क्यों नहीं दिए गए हैं।
कहीं ऐसा ना हो कि मेडिकल कॉलेज भी उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद लावारिस ही छोड़ दे। वही बेसहारा के लिए सहारा बनने वाले पवन वोहरा ने भी मरीज के बारे में जानकारी जुटाई है। घायल व्यक्ति कौन है कहां से है उसके साथ किस प्रकार की दुर्घटना हुई है यह फिलहाल जांच का विषय है। उधर, नाहन मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ संदीप कौशिक ने खबर की पुष्टि की है।