HNN/ शिमला
हिमाचल प्रदेश में काफी लंबे समय से बारिश की एक बूंद भी नहीं पड़ी है जिससे एक तरफ जहां लोगों को गर्मी से बेहाल होना पड़ रहा है तो वही फसलें भी प्रभावित हो रही है। मौसम की बेरुखी इस कदर है कि किसान और बागवान खासे चिंता में आ गए है। बारिश न होने से राज्य में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। सबसे ज्यादा मार गेहूं की फसल पर पड़ रही है जिससे समय से पहले ही फसल पकने लगी है। इसके साथ-साथ अब सूखे के कारण टमाटर, शिमला मिर्च और मटर की फसल पर भी संकट के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं।
आलम यह है कि लंबे समय से बारिश न होने के कारण जमीन में नमी कम है जिस कारण किसान रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि कुछ किसानों ने तो टमाटर और शिमला मिर्च की रोपाई कर ली है परंतु आधे से ज्यादा किसान ऐसे हैं जो अभी भी बारिश के इंतजार में बैठे हैं। इतना ही नहीं बढ़ते तापमान के कारण आम उत्पादकों के भी पसीने छूटने लगे पड़े हैं। तापमान में इसी तरह बढ़ोतरी होती रही तो आम की फसल पर बुरा असर पड़ेगा।
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वहीँ, राजधानी के आसपास कसुम्पटी, ठियोग, कोटखाई, चौपाल, रोहड़ू, चिड़गांव और जुब्बल में मटर के पौधे सूखने की कगार पर आ गए हैं। बढ़ते तापमान और बारिश न होने के कारण मटर के पत्ते पीले पड़ने लगे हैं। बढ़ते तापमान से किसान ही नहीं बल्कि बागवान भी खासे परेशान है। इस बार सेब के पौधों में समय से पहले ही फ्लावरिंग हो गई। आगामी दिनों में अगर बारिश नहीं होती है और तापमान में गिरावट नहीं आती है तो इसका सीधा असर सेब, आम, आडू, पलम, नाशपाती के साइज पर पड़ेगा।
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