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केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 17 जुलाई को प्रदेशभर में होंगे प्रदर्शन- सीटू

PARUL | 30 जून 2024 at 6:40 pm

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नाहन में आयोजित सीटू की बैठक में लिया फैसला, नीलम चुनीं सीटू जिला सिरमौर की कार्यकारी अध्यक्ष

HNN/नाहन

सीटू की जिला सिरमौर कमेटी की बैठक रविवार को वीना शर्मा की अध्यक्षता में नाहन में हुई। इस बैठक में सीटू राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा भी मौजूद रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी व जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ सीटू राज्य कमेटी 17 जुलाई को जिला और ब्लॉक मुख्यालयों पर विशाल प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करेगी।

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सीटू के जिला महासचिव आशीष कुमार ने कहा कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये घोषित करने, मजदूर विरोधी चार लेबर कोड, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन, अग्निवीर, आयुद्धवीर, कोयलावीर व अन्य फिक्स टर्म रोज़गार को रद्द करने, ईपीएफ, ईपीएस, ईडीएलआई सुविधा की अवहेलना करने पर सज़ा शर्तों में कटौती करने, असंगठित मजदूरों के लिए सार्वभौमिक व्यापक सामाजिक सुरक्षा देने, ठेका मजदूरों की रोज़गार सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें नियमित कर्मियों के बराबर वेतन देने, केंद्रीय व प्रदेश सरकार के बोर्ड व निगम कर्मियों की ओपीएस बहाल करने, न्यूनतम पेंशन 9 हज़ार लागू करने, आंगनबाड़ी, आशा, मिड डे-मील कर्मियों को नियमित करने, उन्हें न्यूनतम वेतन देने व उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने, मनरेगा व निर्माण मजदूरों के श्रमिक कल्या बोर्ड से आर्थिक लाभ व पंजीकरण सुविधा बहाल करने की मांग की जाएगी।

इसके साथ-साथ एसटीपी मजदूरों के लिए शेडयूल एम्प्लॉयमेंट घोषित करने, आउटसोर्स व अस्पताल कर्मियों के लिए नीति बनाने, औद्योगिक मजदूरों को 40 प्रतिशत अधिक वेतन देने, काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने के खिलाफ, आईटी, आईटीईएस उद्योगों को श्रम कानूनों से छूट देने के खिलाफ, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ ही मनरेगा में 600 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण व आर्थिक लाभ बहाल करने, आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने, नौकरी से निकाले गए कोविड कर्मियों को बहाल करने, भारी महंगाई पर रोक लगाने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकने, किसानों की कर्ज़ा मुक्ति आदि मांगों को लेकर सीटू ज़िला कमेटी मजदूरों व जनता के बीच जाएगी और उनसे मजदूर व मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करने की आह्वान करेगी।

उन्होंने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के कारण बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। बेरोजगारी व महंगाई से गरीबी व भुखमरी बढ़ रही है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमज़ोर करने के कारण बढ़ती मंहगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हो रही है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की मजदूर, कर्मचारी, किसान व जन विरोधी नीतियों के कारण जनता से भाजपा व मोदी के खिलाफ वोट की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण व विनिवेश, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन व अग्निपथ योजना, महंगाई और डिपुओं में राशन प्रणाली, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा कर्मियों, बिजली बोर्ड, नगर निगमों, अन्य बोर्डों व निगमों के कर्मचारियों के ओपीएस, बीआरओ के निजीकरण व नियमितीकरण, स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, मोटर व्हीकल एक्ट में मजदूर व मालिक विरोधी बदलाव आदि मुद्दों पर मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा।

बैठक में इंदु तोमर, माया, संदीप, सुदेश कुमार, विनीत, बालाराम, गुलाबी, शीला, चंद्रकला, शामा, अनीता, लता, अजय, सुनीता, श्यामा शर्मा और द्वारिका आदि अलग-अलग यूनियनों के पदाधिकारी शामिल रहे. बैठक में नीलम शर्मा को सर्वसम्मति से सीटू का कार्यकारी जिला अध्यक्ष चुना गया।

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