HNN/कुल्लू
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के सोयल गांव में स्थित देव आजीमल नारायण का महत्वपूर्ण स्थान है। यहां देवी-देवताओं का लेखा-जोखा सुरक्षित है, जिसमें जिले के सभी देवी-देवताओं की जानकारी मिलती है। देवता आजीमल नारायण का अठारह करड़ू में विशेष स्थान है, जहां वे दशहरा उत्सव में शामिल होते हैं, लेकिन ढालपुर नहीं पहुंचते।
देवता आजीमल नारायण की परंपरा को निभाने के लिए ब्यास नदी के पार डोभी गांव में सात दिन तक दशहरा मनाया जाता है। देवता के कारकून सात दिन तक यहां पर देवता की परंपरा को निभाते हैं। मलाणा के देवता जमलू, जाणा के देवता जीव नारायण, सौर के देवता सरवल नाग, तांदला के देवता शुक्ली नाग सहित अन्य देवता भी यहां पर उपस्थित रहते हैं।
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भगवान रघुनाथ के रथ की अशुद्धता रोकने के लिए प्रशासन ने रथ के पास पुलिस का पहरा लगाया है और पोस्टर चिपकाए हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे रथ के ऊपर राखी और डोरी न चढ़ाएं। देवसमाज से जुड़े लोगों का कहना है कि हाथ की डोरी और राखी तोड़ने से रघुनाथ के रथ की अशुद्धता हो रही थी।
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