लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

कुल्लू दशहरा : देवताओं के साथ तपस्वी बने 3,000 कारकून

NEHA | 17 अक्तूबर 2024 at 1:51 pm

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

HNN/कुल्लू

कुल्लू दशहरा उत्सव में देवताओं के मुख्य कारकून तपस्वियों की तरह जीवन व्यतीत करते हैं। वे देव परंपरा का पालन करते हुए देवताओं के शिविरों में बने खाने को ही ग्रहण करते हैं। बाहरी खान-पान, होटल और ढाबा में पानी व चाय तक नहीं पी सकते हैं। इस बार उत्सव में जिलाभर से लगभग 300 से ज्यादा देवी-देवता आए हैं और करीब 3,000 कारकून देव नियमों का पालन कर रहे हैं।

हर देवता के साथ 10 से 12 मुख्य कारकून होते हैं जो देव नियमों से बंधे रहते हैं। उन्हें रात-दिन अपने अधिष्ठाता की सेवा करनी पड़ती है। देव समाज के जानकारों के अनुसार दशहरा में देवताओं के मुख्य कारकूनों को देव नियमों का पालन करना एक बड़ी चुनौती है। उनके लिए खाने-पीने से लेकर रहने के लिए कई बंदिशों का सामना करना पड़ता है।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

कुल्लू दशहरा में लोग देवी-देवताओं के आगे मांगी मन्नत को पूरा होने पर धाम दे रहे हैं। जिलेभर से आए 300 से अधिक देवी-देवताओं के प्रति गहरी आस्था है। लोग दशहरा मैदान में बने अस्थायी शिविरों से देवताओं को अपने घर ले जो रहे हैं। देव समाज के जानकारों के अनुसार हर दिन 50 से 60 फीसदी देवताओं के अस्थायी शिविरों में लोगों की ओर से मन्नत पूरी होने पर धाम दी जा रही है।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें


[web_stories title="false" view="grid", circle_size="20", number_of_stories= "7"]