HNN/शिमला
राजधानी शिमला में कुफ़रीदार के प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थान (पीएचसी) में स्टाफ की कमी के चलते मरीज़ों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पीएचसी में केवल एक ही डॉक्टर है और उसे भी हर सप्ताह में दो दिन डेपुटेशन पर सिविल अस्पताल ठियोग में ड्यूटी देनी पड़ती है।
बता दें कि इस पीएचसी में एक डाॅक्टर, एक स्टाफ नर्स, लैब तकनीशियन और एक्स-रे ऑपरेटर के पद खाली हैं। शशांक अत्री उप प्रधान ग्राम पंचायत कुफरी ने का कहना है कि कुफ़रीदार करीब पांच पंचायतों का केंद्र बिंदूतो है ही साथ-साथ यह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी है। पांच पंचायतों का केंद्र बिंदू होने के करण यहां रोज़ाना मरीज़ों का आना-जाना लगा रहता है।
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शशांक अत्री ने बताया कि एक्सरे ऑपरेटर न होने के कारण एक्सरे मशीन बहुत समय से बंद पड़ी है। जिस कारण यहां के लोगों को इलाज करवाने और एक्सरे करवाने के लिए आईजीएमसी में या फिर रिपन अस्पताल जाना पड़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा पीएचसी में एक निजी कंपनी क्रसना डायग्नोस्टिकस को लैब टेस्ट लेने के लिए रखा गया है जो खून के सैम्पल लेकर उसे शिमला अस्पताल में भेजता है जिसकी रिपोर्ट तीन दिन बाद आती है। रिपोर्ट के आने देरी होने से मरीज़ों का उपचार भी देरी से शुरू होता है।
उनका कहना है कि यदि लैब टैक्नीशियन के पद को भर दिया जाता है तो मरीजों को प्रतिदिन रिपोर्टस मिल सकेगी और उपचार भी उस ही दिन से शुरू हो सकेगा। केंद्र में इनडोर मरीजों के लिए सात बेड उपलब्ध किए गए हैं। लेकिन इनडोर मरीजों के लिए भोजन इत्यादि की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
शशांक अत्री ने सरकार से मांग की है कि पीएचसी कुफ़रीदार के रिक्त पदों को भरा जाए। जिस पर डाॅ. राकेश प्रताप खंड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि रिक्त पदों को भरने का मामला उच्चाधिकारियों के साथ उठाया गया है।
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