किसान आंदोलन में कृषकों की हुई ऐतिहासिक जीत -डाॅ. तंवर

ByPRIYANKA THAKUR

Dec 8, 2021

HNN / शिमला

हिमाचल किसान सभा की राज्य कमेटी की विस्तारित बैठक राज्याध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर की अध्यक्षता में मंडी में आयोजित की गई। इस बैठक में 8 जिलों से किसान सभा के नेतृत्वकारी सदस्यों ने भाग लिया। बैठक के उद्घाटन सम्बोधन में राज्य महासचिव डॉ ओंकार शाद ने कोविड महामारी से अर्थव्यवस्था एवं सार्वजनिक सेवाओं पर पड़े दुष्प्रभावों बारे अवगत कराया।

ओंकार शाद ने कहा कि खेती व किसानी को उजाड़ने और पूँजीपतियों एवं कारपोरेट जगत के हित साधने के लिए जबरन थोंपे गए तीन अध्यादेश को गैर लोकतान्त्रिक तरीके से संसद में जबरन पारित कर मोदी सरकार ने देश की कृषि, किसान व आम जनता के हितों पर कड़ी चोट की थी। लेकिन किसान संगठनों ने इस साजिश को समझते हुए देश भर में व्यापक एकता बनाते हुए संयुक्त किसान मोर्चा का गठन करते हुए देश व्यापी आंदोलन छेड़ा, जिसमें 700 के करीब किसान आंदोलन के दौरान शहीद हो गए।

हजारों किसानों पर झूठे मुकद्दमें बनाए गए और उनके खिलाफ सरकार द्व्रारा प्रायोजित घृणा का अभियान भी कारपोरेट मीडिया द्वारा चलाया गया। इस तरह देश के किसान आंदोलन की ये ऐतिहासिक जीत है। राज्याध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर ने केंद्रीय किसान कमेटी की बैठक के फैसलों पर चर्चा करते हुए देशव्यापी अखिल भारतीय किसान आंदोलन की साल भर के कठिन परिस्थितियों में निरंतर संघर्षों की जीत को ऐतिहासिक करार दिया। साथ ही किसान आंदोलन की न्यूनतम समर्थन मूल्य की बुनियादी मांग तक संघर्ष जारी रखने को किसानों की एकता का परिचायक बताया।

सभी फसलों को डैच् के दायरे में लाने से देश की अधिकांश जनता ज किसानी खेती से जुड़ी है को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार ने किसानों की सबसिडियां छीनकर खेती को अलाभकारी बना दिया है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों का खेती बाड़ी से गुजर बसर नहीं हो पाती है उनमें से अधिकांश लोग आजीविका के लिए मनरेगा में काम करते हैं, लेकिन मन रोगी में न तो समय पर काम दिया जाता है, न पूरा काम दिया जाता है और नही समय पर मजदूरी का भुगतान हो रहा है।

बैठक में 31 जनवरी तक पचास हजार सदस्यता के लक्ष्य को हासिल करते हुए प्रदेश के गांवों तक देशव्यापी किसान आंदोलन की जीत की उर्जा से किसानों के संघर्ष के प्रति आशावादी दृष्टिकोण पैदा किया जाएगा। इसके साथ बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भूमि अधिग्रहण प्रभावितो के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हुए 14 दिसम्बर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मशाला में प्रदर्शन किया जाएगा। बल्ह हवाई अड्डे के मुद्दे पर अधिवेशन करते हुए संघर्ष को आगे बढ़ाया जाएगा। बैठक में सदस्यों द्वारा चर्चा करते हुए किसान सभा को सुदृढ़ करने का संकल्प लिया।


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