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कांग्रेस के बदलते कलेवर में सुक्खू को मिल सकता है विधायक दल का समर्थन….

HNN/ शिमला

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की बहुमत के साथ हुई जीत के बाद अब मुख्यमंत्री को लेकर कदमताल शुरू हो चुके हैं। बड़ी बात तो यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर सदमे में चल रही कांग्रेस प्रदेश से नई शुरुआत करने जा रही है। ऐसे में हाईकमान पार्टी की विचारधारा के अनुसार विधायक दल के द्वारा लिए गए निर्णय पर ही अपनी अंतिम मुहर लगाएगा। विपक्ष में रहने वाली भाजपा को परिवारवाद का भी मुद्दा ना मिले इसको लेकर एआईसीसी स्तर के सूत्रों के अनुसार प्रतिभा सिंह को लेकर मुख्यमंत्री के लिए हाईकमान सहमत नहीं होगा।

कांग्रेस प्रदेश में ना केवल भाजपा को लेकर बल्कि तीसरे उभरे राजनीतिक दल आम आदमी की पार्टी को लेकर भी अपनी रणनीति तैयार करेगी। ऐसे में यह तो तय है कि प्रदेश में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का यंग चेहरा होगा। वही मुकेश अग्निहोत्री के नाम को वीरभद्र गुट की ओर से समर्थन मिल सकता है मगर मुकेश अग्निहोत्री के मुख्यमंत्री बनने पर क्षेत्रीय समीकरण डिसबैलेंस हो जाते हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू को कॉलेज टाइम से ही राजनीति का लंबा अनुभव है। बड़ी बात तो यह है कि वह प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

कांग्रेस की ओर से प्रचार समिति के अध्यक्ष भी रहे। तो कांग्रेस के बदलते कलेवर में एक बात तो स्पष्ट है कि कांग्रेस की ओर से सुखविंदर सिंह सुक्खू का गुट सक्रिय तो है ही साथ ही एकजुट भी है। वीरभद्र गुट के कई ऐसे विधायक हैं जो अंदर खाते सुखविंदर सिंह सुक्खू को समर्थन दे रहे हैं। हालांकि, इन सब चेहरों से हटकर सिरमौर के हर्षवर्धन चौहान भी अभी यंग हैं। ईमानदार है और राजनीति का लंबा अनुभव रखते हैं। मौजूदा समय सिरमौर के विनय कुमार को छोड़कर बाकी सभी सुखविंदर गुट के माने जाते हैं।

अब यदि हरोली, नादौन के विजेताओं के साथ-साथ प्रतिभा सिंह के नाम पर विवाद खड़ा होता है तो हाईकमान हर्षवर्धन के चेहरे पर भी विचार कर सकता है। उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो केंद्र की भाजपा सरकार हिमाचल प्रदेश में बनने जा रही कांग्रेस की सरकार पर वक्री दृष्टि डाले हुए हैं। अब यदि मुकेश अग्निहोत्री मुख्यमंत्री बनते हैं तो केंद्र की मोदी सरकार एनफोर्समेंट एजेंसीज का इस्तेमाल कूटनीतिक स्तर पर कर सकती है।

कुल मिलाकर कहा जाए तो मौजूदा समय कांग्रेस के लिए केवल सुखविंदर सिंह सुक्खू ही एक ऐसा चेहरा है जो निर्विवाद स्वच्छ और सब को एकजुट करने का सामर्थ्य रखने वाला है। सही मायने में देखा जाए तो जहां प्रदेश में कांग्रेस की बनने जा रही सरकार के सामने कुछ बड़ी-बड़ी चुनौतियां भी होंगी तो ऐसे में वह खुद आपसी झगड़ों में ना उलझ कर किए गए वादों को सबसे पहले जमीन पर उतारने के लिए जनता का विश्वास जीतेगी। बरहाल, आज शिमला में विधायक दल की बैठक हो रही है क्या निर्णय लिए जाएंगे यह तो बैठक के बाद ही पता चल पाएगा।


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