HNN / नाहन
पितृ पक्ष का समापन के बाद कल से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ होगा। नवरात्रि का प्रारंभ आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। इस वर्ष भी ऐसा ही है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 07 अक्टूबर दिन गुरुवार से हो रहा है। शारदीय नवरात्रि में पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसे कलश स्थापना भी कहते हैं। इस दौरान नौ दिनों तक व्रत का संकल्प लिया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 09 अक्टूबर, दिन शनिवार को तृतीया सुबह 07 बजकर 48 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी। 10 अक्टूबर, दिन रविवार को सुबह 05 बजे तक रहेगी।
कलश स्थापना का मुहुर्त-
कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 7 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 16 मिनट से सुबह 07 बजकर 11 मिनट तक है। घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक है। कलश स्थापना निषिद्ध चित्रा नक्षत्र के दौरान की जाएगी।
घटस्थापना कैसे करें-
- नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं मन कर वचनों का शुद्धि हेतु संकल्प ले
- स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद कलश को पूजा घर में रखें।
- कलश पर कलावा पवित्र धागा बांधे
- अब कलश को मिट्टी और अनाज के बीज की एक परत से भरें।
- कलश में पवित्र जल भरकर उसमें सुपारी, गंध, अक्षत, दूर्वा घास और सिक्के डालें।
- कलश के मुख पर श्रीफल या एक नारियल रखें।
- कलश को आम के पत्तों से सजाएं।
- कामना एवं सिद्धि वह विजय मनोरथ पूर्णत: के लिए मंत्रों का जाप करें।
- कलश को फूल, फल, रोली चावल धूप और दीया अर्पित करें।भगवान गणेश व कलश की पूजा कर देवी का आह्वान करें पूजन करें।
- देवी महात्म्य का पाठ करें, माँ दुर्गा सप्तशती या तो फिर माँ दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
शारदीय नवरात्रि की तिथियां-
पहला दिन 07 अक्टूबर- मां शैलपुत्री की पूजा
दूसरा दिन 08 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
तीसरा दिन 09 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा व मां कुष्मांडा की पूजा
चौथा दिन 10 अक्टूबर- मां स्कंदमाता की पूजा
पांचवां दिन 11 अक्टूबर- मां कात्यायनी की पूजा
छठवां दिन 12 अक्टूबर- मां कालरात्रि की पूजा
सातवां दिन 13 अक्टूबर- मां महागौरी की पूजा
आठवां दिन 14 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री की पूजा
15 अक्टूबर- दशहरा (विजयादशमी)