HNN/ शिमला
किसानों के प्रति केन्द्र और राज्य सरकार की बेरुखी और किसान विरोधी नीतियां लागू करने से खफा हिमाचल किसान सभा ने उप चुनावों में सरकार की खिलाफत करने का मन बना लिया है। हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तँवर द्वारा रविवार को जारी बयान में कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने आम आदमी और किसानों के ऊपर डबल मार की है।
एक तरफ खाद्य वस्तुओं की मंहगाई चरम पर है लेकिन दूसरी ओर से जो अन्नदाता फसल उगा रहा है उसको अपने उत्पाद के उचित दाम तक नहीं मिल रहे। डॉ. तँवर ने कहा कि केन्द्र सरकार जहां कृषि कानूनों के जरिये किसानों की जमीन को नैगम घरानों और पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश रच रही है वहीं प्रदेश सरकार की बेरुखी और बेपरवाही से प्रदेश के किसानों पर चौतरफा मार पड़ रही है।
किसान नेता ने कहा कि प्रदेश में जहां उप चुनाव हो रहे हैं वहां सभी जगह के किसानों, बागवानों और सब्जी उत्पादकों की फसलें बुरी तरह से पिटी हैं। डॉ. तंवर ने बताया कि जुब्बल-कोटखाई में बागवानों को सेब का उचित दाम तक नहीं मिला। प्रदेश के 45 खण्डों में सेब पैदा होता है और शिमला जिला के अन्दर जुब्बल-कोटखाई खण्ड में सेब का सबसे ज्यादा उत्पादन किया जाता है मगर इस बार प्राकृतिक आपदाओं क साथ-साथ सेब पर मण्डी में बुरी तरह से मार पड़ी और बागवानों की सेब की उत्पादन लागत तक वापिस नहीं आ पाई।
जबकि मुख्यमंत्री का बयान आया कि अब सेब सीजन समाप्त हो गया है इसलिए यह कोई मुद्दा ही नहीं है। उन्होने कहा कि फतेहपुर में मंड क्षेत्र के किसानों की खरीद केन्द्र की समस्या अभी भी बरकरार है। किसान सभा के साथ-साथ मंड संयुक्त किसान संघर्ष समिति ने फतेहपुर और इंदौरा में पांच खरीद केन्द्र खोलने की मांग उठाई थी मगर सरकार द्वारा तीन खरीद केन्द्रों की घोषणा करने के बावजूद वहां अभी भी धान की फसल की बिक्री सुचारू रूप से चालू नहीं हुई है।
किसानों का धान बर्बाद हो रहा है क्योंकि पंजाब ने पहले ही अन्य प्रदेशों का धान खरीदने से मना कर दिया है। उन्होने बताया कि अर्की के सब्जी उत्पादक भी मण्डी की मार से अछूते नहीं रहे। इस बार टमाटर की जो दूर्दशा हुई वह किसी से छुपी नहीं है। सौ रुपये से लेकर डेढ़ सौ रुपये तक भी टमाटर की क्रेट बिकी जिससे सब्जी उत्पादकों का मण्डी तक टमाटर पहुंचाने का खर्च भी पूरा नहीं हो पाया।
डॉ. तँवर ने कहा कि मण्डी संसदीय क्षेत्र में सेब, सब्जी, मक्की जैसे सभी उत्पादों पर मार तो पड़ी साथ ही फोरलेन से प्रभावित लोग भी लम्बे समय से अपनी मांग को लेकर संघर्षरत है लेकिन उन्हें अपनी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा। ऐसे में भाजपा का किसानों की आय को दुगना करने का वायदा न सिर्फ जुमला साबित हो रहा है बल्कि किसानों की आमदनी नीचे की ओर घट रही है। किसान आन्दोलन में संघर्ष कर रहे किसानों से बात करने के बजाय उन्हें गाड़ी से कुचला जा रहा है। इसके मद्देनजर किसान सभा तीनों विधानसभाओं सहित मंडी संसदीय सीट पर भी भाजपा का विरोध करेगी।