लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

इस बार सिरमौर में उगा 22500 मीट्रिक टन कुफरी ज्योति आलू, देशभर की मंडियों में बनी जबरदस्त डिमांड

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

नाहन

1500 हेक्टेयर भूमि पर दो सीजन में होता है उत्पादन, पहाड़ी आलू बना किसानों के लिए कमाई का कुबेर

ऊपरी व निचले सिरमौर में दो अलग-अलग फसल सीजन
प्रदेश में आलू उत्पादन के मामले में तीसरे स्थान पर रहने वाले जिला सिरमौर ने इस बार 22500 मीट्रिक टन आलू का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। सिरमौर में आलू दो अलग-अलग सीजन में उगाया जाता है — ऊपरी सिरमौर (जैसे शिलाई, हरिपुरधार क्षेत्र) में जनवरी-फरवरी में बोई गई फसल जून तक तैयार होती है, जबकि निचले सिरमौर (नाहन व पांवटा साहिब ब्लॉक) में सितंबर में बोई गई फसल फरवरी-मार्च तक पककर तैयार होती है।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

देश की मंडियों में सिरमौर आलू की जबरदस्त डिमांड
सिरमौर के किसानों द्वारा उगाई गई ‘कुफरी ज्योति’ किस्म का आलू अपने आफ सीजन में तैयार होने के कारण देश की बड़ी मंडियों में खूब पसंद किया जाता है। जब अन्य राज्यों में आलू की फसल समाप्त हो जाती है, तब सिरमौर का ताजा आलू बाजार में पहुंचता है, जिससे इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है।

कुल 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में होता है उत्पादन
जिला में कुल 1500 हेक्टेयर भूमि में आलू उगाया जाता है, जिसमें से लगभग 1150 हेक्टेयर ऊपरी सिरमौर और 350 हेक्टेयर निचले क्षेत्रों में शामिल हैं। हरिपुरधार क्षेत्र में डांकरी किस्म का विशेष आलू भी उगाया जाता है, जिसकी मांग सबसे ज्यादा और कीमत 60 से 70 रुपये प्रति किलो तक रहती है।

किसानों को मिल रही है सरकारी सब्सिडी और प्रोत्साहन
प्रदेश सरकार द्वारा ‘कुफरी ज्योति’ और ‘एलपीएस’ किस्म का आलू बीज 25 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाता है। कृषि विभाग ने इस बार 1600 क्विंटल बीज किसानों को रियायती दर पर दिया। सिरमौर में आलू की खेती किसानों के लिए आजीविका का मजबूत जरिया बनती जा रही है।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें


[web_stories title="false" view="grid", circle_size="20", number_of_stories= "7"]