लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

आरक्षण संघर्ष समन्वय समिति ने उठाई स्वर्ण आयोग के गठन की मांग

SAPNA THAKUR | 7 अक्तूबर 2021 at 11:54 am

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

प्रदेशों से लेकर केंद्र तक की स्वर्णों के हक में आवाज बुलंद

HNN/ बद्दी

सामान्य वर्ग के हितों के लिए आरक्षण संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले देश का सामान्य वर्ग केंद्र सहित राज्य सरकारों से स्वर्ण आयोग गठन की मांग करता आ रहा है। समिति का मानना है की जब देश में हर वर्ग के लिए अपना आयोग गठित करके दिया गया है तो सामान्य वर्ग के साथ पक्षपात क्यों? इस बार समिति द्वारा स्वर्ण आयोग गठन की मांग को लेकर केन्द्र एवं देश के सभी राज्य सरकार से ई-मेल के द्वारा अपने माँग को रखा है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं आरक्षण संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय कांत मिश्रा के दिशा निर्देश पर केंद्र सरकार सहित विभिन्न राज्य सरकारों को सवर्ण आयोग को गठित करने की मांग को लेकर ई-मेल द्वारा मांग पत्र भेजे जा रहे हैं।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

इस संदर्भ में अधिवक्ता अभय कांत मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया समिति सामन्यवर्ग के हितों के लिए पिछले लंबे समय से जमीनी स्तर से लेकर कानूनी लड़ाई भी लड़ती आ रही है। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा कई सर्वोच्च न्यायालय में कई पी आई एल भी दाखिल किए जा चुके हैं, जिनके नतीजे काफी हद तक सकारात्मक सिद्ध हुए हैं। मिश्रा ने बताया कि 2018 में सामान्य वर्ग के हित में एससी एस टी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक फैसला आया था, जिसे केंद्र की मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर पलट दिया। जिसके बाद समिति ने निर्णय लिया की केंद्र सहित देश की सभी राज्य सरकारों पर दबाव बनाकर सामन्य वर्ग के लिए सवर्ण आयोग गठित करने की मांग की जाए।

इसी कड़ी के तहत समिति के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं हिमाचल प्रदेश प्रभारी संजीव शर्मा के नेतृत्व में राष्ट्रीय मुख्य महासचिव केके झा, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रामगोपाल शर्मा, राष्ट्रीय मीडिया सलाहकार डॉ. ए के पांडेय, राष्ट्रीय महासचिव (मीडिया प्रकोष्ठ) साहिल गुप्ता के साथ तालमेल बनाकर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को ई-मेल द्वारा एक मांग पत्र दिया गया है। जिसमे सामन्यवर्ग के लिए सवर्ण आयोग गठन की मांग की गई। इस संदर्भ में संजीव शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि देश भर में सामन्य वर्ग पिछले 72 साल से आरक्षण व एससी एसटी एक्ट के नाम पर प्रताडि़त होता आ रहा है।

कई सरकारें आई और गई, लेकिन सामन्य वर्ग की बात ना तो किसी ने सुनी और ना ही विधानसभा पार्लियामेंट आदि में रखी। शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सामन्य वर्ग शिक्षा, व्यापार, व्यवस्था आदि से लेकर सरकार तक बनाने में अहम भूमिका अदा करता आया है। लेकिन फिर भी सरकारों द्वारा सामन्य वर्ग की अनदेखा कि जाती रही है। सामान्य वर्ग कभी आरक्षण तो कभी एससी एसटी एक्ट के तहत किए जाने वाले झूठे मुकदमों के डर में जी रहा है। उन्होंने कहा कि आरक्षण की मार से सामान्य वर्ग की कमर बुरी तरह से टूट गई है और हमारे बच्चों का भविष्य अंधकार में होता जा रहा है।

शर्मा ने कहा कि राज्य में हर वर्ग के लिए अपना आयोग है, लेकिन सामान्य वर्ग के पास अपना आयोग तक नहीं है, जहां सामान्य वर्ग अपनी संस्कृति, राजनिति, आर्थिक, विकास के लिए बात खुल कर रख सके। संजीव शर्मा ने कहा कि स्वर्ण आयोग समय की मांग है, जिसे राज्य सरकार को सामान्य वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए त्वरित गठित करना चाहिए। संजीव शर्मा ने बताया की समिति द्वारा ई-मेल के जरिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहल पर संज्ञान ले लिया है, जिसके नतीजे सकारात्मक होने की आशा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हमारी उक्त जायज मांग पूरी ना की गई तो आरक्षण संघर्ष समन्वय समिति सामान्य वर्ग को साथ लेकर सडक़ों पर उतरेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश सरकार की होगी।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें