आम आदमी पार्टी ने सुखराम चौधरी की पांवटा में राहें करी आसान

HNN/ नाहन

प्रदेश सरकार में सिरमौर के पांवटा साहिब क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के निमंत्रण पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पांवटा साहिब में सोमवार को पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री का पांवटा साहिब के सुदूर गांव भरली का दौरा क्षेत्र की जनता के लिए बड़ी सौगात लेकर आ रहा है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सोमवार को इस गांव से लगभग 200 करोड़ के उद्घाटन और शिलान्यास करने जा रहे हैं। तो वही चुनावी वर्ष के चलते मुख्यमंत्री का यह दौरा क्षेत्र के कुछ बचे कुचे लोगों की नाराजगियाँ को भी दूर कर सकता है।

जबकि पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी की दस्तक के बाद स्थानीय विधायक व मंत्री सुखराम चौधरी की राहें और आसान हो गई है। इसकी बड़ी वजह कांग्रेस के मनीष ठाकुर की पूरे दलबल के साथ आम आदमी पार्टी में ज्वाइनिंग करना माना जा रहा है। तो वही इस विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी की दस्तक के बाद कांग्रेस तीसरे स्थान पर जा चुकी है। कांग्रेस में टिकट की दौड़ में एक नहीं बल्कि तीन-तीन चेहरे शामिल है। जिसको लेकर कांग्रेस की फूट चुनावी वर्ष में बैकफुट जाती नजर आ रही है। सुखराम चौधरी सरकार में मंत्री रहते हुए भी अपने क्षेत्र की जनता के बीच में लगातार बने हुए हैं।

हालांकि, पांवटा साहिब भाजपा में भी एक धड़ा नाराज चल रहा है। मगर बड़ी बात तो यह है कि नाराज धड़े में अधिकतर संगठन से जुड़े हुए पदाधिकारी हैं। जिन्होंने अभी तक संगठन से बाहर जाने की कोशिश तक नहीं की है। चूंकि, सुखराम चौधरी चेहरे से भले ही शांत स्वभाव के दिखते हो मगर राजनीति के दांव पेच में उन्हें बड़ी महारत भी हासिल है। पांवटा साहिब शहरी क्षेत्र में भले ही उन्हें कुछ नुक्सान पहुंच रहा हो मगर ग्रामीण क्षेत्रों में सुखराम चौधरी लगातार अपनी लोकप्रियता बनाए हुए हैं।

जाहिर है चुनावी वर्ष में साम-दाम -दंड-भेद तमाम नीतियों के साथ सुखराम चौधरी तमाम डैमेज को कंट्रोल करने के लिए पूरी तरह से डट चुके हैं। नाराज और रूठों को कैसे मनाया जाता है चौधरी इसमें भी माहिर है। पांवटा साहिब को फोरलेन, पेयजल सिंचाई, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में भी चौधरी के द्वारा बहुत से कार्य अपने विधानसभा क्षेत्र में करवाए गए हैं। तो वही पांवटा साहिब की सीमा के साथ सटे उत्तराखंड में भाजपा की जीत के बाद इसका असर पांवटा साहिब में भी पड़ना निश्चित है। बरहाल देखना यह होगा मुख्यमंत्री के दौरे के बाद पांवटा साहिब के राजनीतिक समीकरण कौन सी करवट लेते हैं।


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