सचिन की जगह अब अजय संसरवाल 24 घंटों के लिए अनशन पर बैठे
HNN/ तपेंदे ठाकुर पांवटा
4 दिन से लगातार क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे गौ सेवक सचिन ओबरॉय को पुलिस और समूचा सरकारी अमला उठाकर नाहन मेडिकल कॉलेज ले गया। पुलिस प्रशासन द्वारा जबरन सचिन ओबरॉय को अनशन से हटाए जाने को लेकर लोगों में भी रोष पनप रहा है। लोग पुलिस प्रशासन की निंदा कर रहे हैं। बताते चलें कि गायों की दुर्दशा, भूखे प्यासे सड़क पर दुर्घटना आदि को लेकर सच्चे गौ सेवक तकरीबन 20 दिन पूर्व सांकेतिक हड़ताल पर बैठे।
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लेकिन उसके बाद उन्हें केवल मात्र आश्वासन ही मिले, और कोई भी ठोस कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। इसी को लेकर सचिन ओबरॉय दोबारा अनशन पर बैठ गए। शुक्रवार को चौथे दिन सरकार की जड़े हिली और प्रशासन की नींद खराब हो गई। क्योंकि दिन-प्रतिदिन समूचे प्रदेश से सचिन को भारी संख्या में समर्थन मिल रहा था। लिहाजा शुक्रवार सुबह पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और जबरन सचिन ओबरॉय को उठाकर ले गए।
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उधर, नाहन मेडिकल कॉलेज से छुट्टी मिलने के बाद सचिन ओबरॉय ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि 4 दिन से हम अनशन पर बैठे हैं। बताया कि सुबह तहसीलदार साहब सहित एसएसओ, 15 के करीब पुलिस जवान तथा एक डॉक्टर वहां पहुंचा। इस दौरान डॉक्टर ने कहा कि आपका शुगर लेवल कम हो गया है। जिसके बाद पुलिस प्रशासन द्वारा जबरन उन्हें उठाकर गाड़ी में डाल दिया लेकिन जब गाड़ी में तेल खत्म हो गया तो एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें नाहन मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया।
इस दौरान ओबरॉय का फोन भी पुलिस प्रशासन द्वारा छीन लिया गया। यहां ओबरॉय का शुगर तथा बीपी का टेस्ट हुआ जिसकी रिपोर्ट सही पाई गई। जिसके बाद ओबरॉय रामलीला मैदान में आकर वापस अनशन पर बैठ गए। सचिन ओबरॉय का कहना है कि निकम्में तंत्र के खिलाफ उनका अनशन जारी रहेगा। गौ संरक्षण को लेकर उनकी मांगे पूरी होंगी तभी अनशन खत्म होगा।